मोहब्बत हमने माना जिन्दगी बर्बाद करती है ये क्या कम है के मर जाने पे दुनिया करती है ये क्या कम है अजी हां हां ये क्या कम है के मर जाने पे दुनिया करती है किसी के इश्क में दुनिया लुटाकर हम भी देखेंगे तेरे कदमों पर सर अपना झुकाकर घड़ी भर को तेरे नजदीक आकर तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे मोहब्बत हमने माना जिन्दगी बर्बाद करती है ये क्या कम है के मर जाने पे दुनिया करती है ये क्या कम है अजी हां हां ये क्या कम है के मर जाने पे दुनिया करती है किसी के इश्क में दुनिया लुटाकर हम भी देखेंगे तेरे कदमों पर सर अपना झुकाकर घड़ी भर को तेरे नजदीक आकर तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे