_#कवी'धनूज. सुलग रहीं थी जिंदगी कब से तेरे इश्क़ कि लगन से.. अब कहीं थोड़ा चैन है हमने नफ़रत जो पाली है इस इश्क़ के नाम से.. -लेखक'कवी- (धनंजय संकपाळ) #धनूज | रंग मनाचे.. ©Dhananjay(dhanuj) Sankpal #love_attitude