नींद आती नही,यूँही रात गुजरती है, मेरी रातों का दर्द कौन जाने। दिल बेबस है,कसक दिल में उठती है, मेरी बातों का दर्द कौन जाने। टूटा हूँ मैं इस कदर,मेरी जां तड़पती है, मेरे जज्बातों का दर्द कौन जाने। चैन मिलता नहीं,साँसें मेरी अटकती हैं, मेरे हालातों का दर्द कौन जाने। याद आती हैं अक्सर वो पुरानी मुलाकातें, उन मुलाकातों का दर्द कौन जाने।। दर्द कौन जाने...! #दर्द #रातशायरी #मुलाकातशायरी #हिंदीशायरी