माना कि अंदर से टूटे हो तुम टूटे भी हो और बिखरे हो तुम न जाने अनजाने कितनी ही बार मुश्किल से अपनी उभरे हो तुम ज़िन्दगी मे, रोज़ रोज़ की उथल पुथल से झगड़े हो तुम कोई नही था साथ मे फिर भी खुद ही खुद के लिए खड़े थे तुम नाकामी से, लाचारी से खुद ही तन्हा लड़े हो तुम इतना जब करके खुद के लिए इस मुकाम पर आये हो तुम क्यों फिर समझते हो नाकाबिल हो?? नाकाबिल हो, टूटे हो, टूटे और बिखरे हो तुम?? हाँ, अगर टूटे हो फिर भी टूटे और बिखरे हो फिर भी देखो खुदको फक्र करो के आज भी डट के खड़े हो तुम मेरी मानो, शिकायत न करो शिकायत न करो, कि नाकाम हो तुम कामयाब ही नहीं, नायाब हो तुम। मेरी मनो तो, खुद ही खुद मे कामयाब, नायाब हो तुम।।। -Anshh ©anshika Anshh mana ki ander se toote ho tum #CalmingNature