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White राजनीति के वादों पे झूठे ख्वाब पलने दो सत्त

White राजनीति के वादों पे झूठे ख्वाब पलने दो
 सत्ता के गलियारों मे शह मात को चलने दो 
सिंघासन के दर्पन को ना गाज़र मुल्ली दिखलावो 
ये दीनहीनों के बच्चे है इनको यु हीं मरने दो 
राजनिती के वादों पे झूठे ख्वाब पलने दो 
दोष हमें क्यों देते हो नियती के चित्कारों का 
दोष हमें क्यों देते हो वोटतंत्र कि बातों का 
सहस्त्र फुल हैं धुल हूए इन गुजरे 70 सालों मे 
फिर दोष हमें क्यों देते हो जन जन के कारनामों का 
हम सब है वोट के व्यापारी.
                           ब्यवसाय हमारा मकसद है 
हम सब सिक्कों के प्रहरी हैं 
                            ऐश्वर्य हमारा मज़हब है 
शैतानी है रूह हमारी .
                          शैतान हमारी आस्था  है .
चिकित्सा मे सेवा कैसी 
                          लासों तक अपनी निष्ठा है
क्यों क्रंदन करते हो नाहक 
                       क्यों अश्रू प्रवाहित करते हो 
क्यों भक्षक को रक्षक कह कह के 
                          ईश्वर को आहत करते हो 
 है दोष तुम्हारा सकल सुनो   
                           बच्चो कि बिखरी लाशो पे 
क्यों विश्वास तुम करते हो 
                          इन भावहीन गद्धारों पे 
................................................

©samandar Speaks #Thinking  Sandeep Lucky Guru  Satyaprem Upadhyay  Internet Jockey  कृशांग (अjay) जारवाल  Radhey Ray
White राजनीति के वादों पे झूठे ख्वाब पलने दो
 सत्ता के गलियारों मे शह मात को चलने दो 
सिंघासन के दर्पन को ना गाज़र मुल्ली दिखलावो 
ये दीनहीनों के बच्चे है इनको यु हीं मरने दो 
राजनिती के वादों पे झूठे ख्वाब पलने दो 
दोष हमें क्यों देते हो नियती के चित्कारों का 
दोष हमें क्यों देते हो वोटतंत्र कि बातों का 
सहस्त्र फुल हैं धुल हूए इन गुजरे 70 सालों मे 
फिर दोष हमें क्यों देते हो जन जन के कारनामों का 
हम सब है वोट के व्यापारी.
                           ब्यवसाय हमारा मकसद है 
हम सब सिक्कों के प्रहरी हैं 
                            ऐश्वर्य हमारा मज़हब है 
शैतानी है रूह हमारी .
                          शैतान हमारी आस्था  है .
चिकित्सा मे सेवा कैसी 
                          लासों तक अपनी निष्ठा है
क्यों क्रंदन करते हो नाहक 
                       क्यों अश्रू प्रवाहित करते हो 
क्यों भक्षक को रक्षक कह कह के 
                          ईश्वर को आहत करते हो 
 है दोष तुम्हारा सकल सुनो   
                           बच्चो कि बिखरी लाशो पे 
क्यों विश्वास तुम करते हो 
                          इन भावहीन गद्धारों पे 
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©samandar Speaks #Thinking  Sandeep Lucky Guru  Satyaprem Upadhyay  Internet Jockey  कृशांग (अjay) जारवाल  Radhey Ray