Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैंने कभी सोचा नहीं था की बात किस कदर होगी अपने मु

मैंने कभी सोचा नहीं था की बात किस कदर होगी अपने मुंह से अपनी ही गुणगान होगी 
उनके नाम की चर्चा सुबह शाम होगी
झूठे ही सही पर वो नाम हमारा ही लेती होगी 
दिखावा ही सही पर नाम लेती जरूर होगी 
पछतावा ही सही पर नाम मेरा ही लेती होगी 
हमदर्दी ही ना सही पर नाम कितने बार लेती होगी

©प्रवीण पृथक द्विवेदी
  #Affection