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कितना अच्छा होता प्यार हलीमी और अमल हर जीवन का आधा

कितना अच्छा होता
प्यार हलीमी और अमल हर जीवन का आधार हो।
भाई-भाई दुश्मन नहीं, हमदर्द और ग़मखार हों
वहदत और काविश से आसां, हर पल राहें दुश्वार हो।

हलीमी=नम्रता
 ग़मखार=दुःख-दर्द बांटने वाला
वहदत= एकत्व
काविश=प्रयत्न

©Anjan #Thoughts
कितना अच्छा होता
प्यार हलीमी और अमल हर जीवन का आधार हो।
भाई-भाई दुश्मन नहीं, हमदर्द और ग़मखार हों
वहदत और काविश से आसां, हर पल राहें दुश्वार हो।

हलीमी=नम्रता
 ग़मखार=दुःख-दर्द बांटने वाला
वहदत= एकत्व
काविश=प्रयत्न

©Anjan #Thoughts
anjanabharati3085

Anjana

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