अपना गमों का झोला मुझे उधार देना तुम फिर झोला मेरे काँधे पर टाँग देना तुम टूटकर मैं कहीं अगर बिखर जाऊँ सफर में फिर अपनी बाहों से मुझे बाँध लेना तुम एक खूबसूरत तस्वीर तुम्हारी है मेरे पास बस एकबार मेरी आँखों में निहार लेना तुम मैं रख दूँगा खुद को बनाकर तुम्हारे आगे मेरा सब अच्छा बुरा उसमें छाँट लेना तुम मैं चला गया फिर भी मैं जा नहीं पाया एक रोज़ ठहरकर मुझे आवाज देना तुम कुछ गम कुछ खुशियां कुछ किस्से और कहानी लौटकर आना तो सब मुझसे बाँट लेना तुम अगर रिश्ता पवित्र है तेरी मेरी चाहत का टूटेगा नहीं कोई धागा बस जान लेना तुम -भKत ©Vikas Bhakt #Hum #vikasbhakt