हमारी पहली चाय,तुमारी हातो से बनी हमारी मुस्कान , तुमारी मुस्कान से बनी फिर कयू , तुम हमारी नहीं बनी जब दुल्हन बनी, तब भी मेरी बनी मगर खब्ब में ही बनी अब हर सुबह तेरी ,कड़वी चाय की आदत सी हो गई है अब प्यार की चाय , कड़वी बनी है इतना ही पता है ,अब चाय कड़वी है ,प्यार की #Us_din