जैसे तेरा जल निर्मल है, वैसे निर्मल मन कर दे, हे गंगे, मेरे जीवन को , तू सच में जीवन कर दे । जो कभी भी मैला ना हो, ऐसा मुझको रंग बना, प्राणों में इस निर्झरता से, इस जीवन को गंग बना, पतित पावनी हे सुर सरिता, मुझको भी पावन कर दे, हे गंगे, मेरे जीवन को, तू सच में जीवन कर दे ।। जैसे तेरा जल निर्मल है, वैसे निर्मल मन कर दे, हे गंगे, मेरे जीवन को , तू सच में जीवन कर दे । जो कभी भी मैला ना हो, ऐसा मुझको रंग बना, प्राणों में इस निर्झरता से, इस जीवन को गंग बना, पतित पावनी हे सुर सरिता, मुझको भी पावन कर दे, हे गंगे, मेरे जीवन को, तू सच में जीवन कर दे ।। - Nitin Kr Harit