गुजरे हुए वक्त की तरह तू भी लम्हा बन के रह गया, सांस में बसर तेरे नाम का दिल तन्हा बनके रह गया, तेरे प्यार .....हर खौफ से ..वाकिफ करवा गया मुझे, तमन्नाओं के शहर में नाम ए वफ़ा गुमनाम रह गया। #रोज़ी_संबरीया