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ग़ालिब मेरे प्यारे शायर ⚡ग़ालिब कैसे "मिर्ज़ा ग़ालिब"

ग़ालिब मेरे प्यारे शायर ⚡ग़ालिब कैसे "मिर्ज़ा ग़ालिब" बने! ⚡
✍#ख़ास_बेहद_ख़ास✍ #यौमे_ए_पैदाइश_मिर्जा_ग़ालिब
मिर्ज़ा ग़ालिब की यौमे-ए-पैदाइश पर चलिए ले चलते हैं वहां, जहां ग़ालिब दफ़न हैं अपने मज़ार में।
हैं और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे,
कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़े-बयां और...
🌸🍀☘🍀🌺🍀🍀🍀🌺🍀🍀🍀🌺🍀🍀🍀
27 दिसंबर 1796 को जन्मे थे ग़ालिब। उनका इन्तेक़ाल 15 फरवरी 1869 को हुआ था। ज़्यादा दूर नहीं, दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन मुहल्ले में ही एक साधारण से मक़बरे में सुकुन फ़रमा रहे मिर्ज़ा। निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास ही है मिर्ज़ा ग़ा
ग़ालिब मेरे प्यारे शायर ⚡ग़ालिब कैसे "मिर्ज़ा ग़ालिब" बने! ⚡
✍#ख़ास_बेहद_ख़ास✍ #यौमे_ए_पैदाइश_मिर्जा_ग़ालिब
मिर्ज़ा ग़ालिब की यौमे-ए-पैदाइश पर चलिए ले चलते हैं वहां, जहां ग़ालिब दफ़न हैं अपने मज़ार में।
हैं और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे,
कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़े-बयां और...
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27 दिसंबर 1796 को जन्मे थे ग़ालिब। उनका इन्तेक़ाल 15 फरवरी 1869 को हुआ था। ज़्यादा दूर नहीं, दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन मुहल्ले में ही एक साधारण से मक़बरे में सुकुन फ़रमा रहे मिर्ज़ा। निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास ही है मिर्ज़ा ग़ा