तुम कहों तो यहाँ से चले जायेगे हाथ बेखोफ से मले आयेगे तूम भले हमसे रौशनी चुरा लो यहाँ हम जुगनुओ की रौशनी तले आयेगे बस्तियों में कोई आवाज है मुहब्बत की जमी पे हमे नाज है मुझको देख पुकारे तेरा नाम लोग क्या यहीं इश्क का आगाज है ये कबूतरो की जो आवाम है आजकल वो ही बस नाकाम है उनके हिस्से की काम मुहब्बत को पहचाना कर रहे whatsup instragram है #भारद्वाज पुष्कर #gif चले जायेगे अधूरी आश