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कभी कभी लगता है तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो ल

कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ
जो मैं आज एक लहर हूँ
कल आसमाँ मैं हो लूँ
कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ 

एक शाम ठहर जाऊँ 
फुर्सत सा तेरे बालों पर
और सहर बन उतरूँ
सूरज सा तेरे गालों पर
जो रूह को जगा दे
एक ऎसी नींद सो लूँ
कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ 

घुल कर तुझ में सबा बनूँ मैं
कुछ ऎसे मिल जाऊँ
रेशा रेशा रेशम हो कर 
तुझ से ही सील जाऊँ 
फिर ख़्वाब शबनामों के 
पलकों पर आज बो लूँ
कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ

मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ @ कभी कभी

©Mo k sh K an #mokshkan 
#mikyupikyu 
#main_raz_raz_hizr_manavaan 
#मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ  
#Nojoto 
#Hindi
कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ
जो मैं आज एक लहर हूँ
कल आसमाँ मैं हो लूँ
कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ 

एक शाम ठहर जाऊँ 
फुर्सत सा तेरे बालों पर
और सहर बन उतरूँ
सूरज सा तेरे गालों पर
जो रूह को जगा दे
एक ऎसी नींद सो लूँ
कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ 

घुल कर तुझ में सबा बनूँ मैं
कुछ ऎसे मिल जाऊँ
रेशा रेशा रेशम हो कर 
तुझ से ही सील जाऊँ 
फिर ख़्वाब शबनामों के 
पलकों पर आज बो लूँ
कभी कभी लगता है
तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ

मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ @ कभी कभी

©Mo k sh K an #mokshkan 
#mikyupikyu 
#main_raz_raz_hizr_manavaan 
#मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ  
#Nojoto 
#Hindi
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Mo k sh K an

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