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कई दाग है तन पे कई घाव है तन पे जो रूठ गया वो त

कई दाग है तन पे 
कई घाव है तन पे 
जो रूठ गया वो 
तो कई सवाल है मन मे 
यू बैचेनि सी है दिल मे 
जिनका ना जवाब है लब पे 
आज वो भी गिर गया अपने ही पद से 
जिसको था गुमान अपने ही पद पे

©Rupam Shukla a step towards your own destruction 
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my  imagination :- मेरी ठकुराइन 
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कई दाग है तन पे 
कई घाव है तन पे 
जो रूठ गया वो 
तो कई सवाल है मन मे 
यू बैचेनि सी है दिल मे 
जिनका ना जवाब है लब पे 
आज वो भी गिर गया अपने ही पद से 
जिसको था गुमान अपने ही पद पे

©Rupam Shukla a step towards your own destruction 
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my  imagination :- मेरी ठकुराइन 
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rupamshukla1918

Rupam Shukla

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