अपराधियों को सजा जाती और धर्म के अनुसार नही। बल्कि उसके जुर्म के आधार पर होना चाहिए। क्योंकि धर्म कभी अपराध नही सिखाता? और अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता। ✍️✍️✍️ मोहम्मद सद्दाम हुसैन।