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जैसे मुसाफिरों के लिए पेड़ों की छाया , जैसे अपने ब

जैसे मुसाफिरों के लिए पेड़ों की छाया ,
जैसे अपने बच्चे पर ममता का साया ,
जैसे प्यास बुझाने की ख़ातिर नदियों का पानी हो...
 तेरे हर फ़ैसले में छिपी मेरी भलाई लगती है,
हां तेरी कमी मेरी ज़हन में खलती है !

-Piyu Priya teri kami mere zehan me khalti hai ...!
जैसे मुसाफिरों के लिए पेड़ों की छाया ,
जैसे अपने बच्चे पर ममता का साया ,
जैसे प्यास बुझाने की ख़ातिर नदियों का पानी हो...
 तेरे हर फ़ैसले में छिपी मेरी भलाई लगती है,
हां तेरी कमी मेरी ज़हन में खलती है !

-Piyu Priya teri kami mere zehan me khalti hai ...!
piyupriya3171

Piyu Priya**

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