जैसे मुसाफिरों के लिए पेड़ों की छाया , जैसे अपने बच्चे पर ममता का साया , जैसे प्यास बुझाने की ख़ातिर नदियों का पानी हो... तेरे हर फ़ैसले में छिपी मेरी भलाई लगती है, हां तेरी कमी मेरी ज़हन में खलती है ! -Piyu Priya teri kami mere zehan me khalti hai ...!