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क्या पता किसी की बातों में कोई दास्तां मिल जाये ,

क्या पता किसी की बातों में कोई दास्तां मिल जाये ,
खामोश पड़े लब्जों को किसी की जुबां मिल जाये ।
मिलते तो सब है पहली दफ़ा अजनबी बनकर ,
क्या पता किसी अज़नबी में ही हमनवां मिल जाये । ajnabee se mohabbat badi aasani se ho jati hai...
क्या पता किसी की बातों में कोई दास्तां मिल जाये ,
खामोश पड़े लब्जों को किसी की जुबां मिल जाये ।
मिलते तो सब है पहली दफ़ा अजनबी बनकर ,
क्या पता किसी अज़नबी में ही हमनवां मिल जाये । ajnabee se mohabbat badi aasani se ho jati hai...