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दुर्घटना से देर भली **************** कृपा अनुशीर्ष

दुर्घटना से देर भली
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कृपा अनुशीर्षक में पढ़ें क्षणभंगुर इस संसार में सब पहले से नियमित है,नियम बनाए जाते हैं एक आदर्श देश बनाने के लिए और हम सब का फर्ज़ है उन नियमों का पालन करना। हम सबके लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है परंतु गर्म और जोशीली पीढ़ी नियमों को बंदिश मानती है और लगातार इसका उल्लंघन करती है।

एक बार की बात है मेरा प्रिय दोस्त अपने परिवार सहित हिमाचल में सभी देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए गया हुआ था। यह गर्मियों की बात है, और उस दिन बहुत बारिश हो रही थी। हर जगह, बार-बार लिखा हुआ था "गाड़ी धीरे चलाएं", आगे रास्ता खराब है। कभी लिखा आता था "डेड एंड"। कभी नियम दिया हुआ था के अपने वाहन की गति 20 किलो मीटर पर सेकंड तक सीमित रखें। और कहीं लिखा हुआ था के "कृपा गाड़ी का हॉर्न ना दें"। मेरा दोस्त इन सारे नियमों को पढ़ कर अनदेखा कर रहा था। अचानक कार के सामने डेड एंड आया और आगे से एक बड़ी गाड़ी(ट्रक) आ गई। मेरे दोस्त ने बड़ी मुश्किल से कार और ट्रक की टक्कर होने से तो बचा ली परंतु कार का संतुलन बिगड़ गया। गाड़ी को संभालते हुए उसने कोशिश की के गाड़ी को कच्चे रास्ते पर उतार लिया,जैसे ही उसने गाड़ी को कच्चे रास्ते पर उतारा, गाड़ी की टक्कर पेड़ से हो गई और उसकी पत्नी का सर टकराने से वहीं पर मृत्यु हो गई और कार भी बारिश में कीचड़ में फंस गई, बारिश की खातिर हालत बहुत दयनीय थी। धौलाधार बारिश कारण घंटो हमारी गाड़ी वहां पर फंसी रही पत्नी का मृत शरीर और बच्चे भूख से तड़प रहे थे बिलख रहे थे। 
अगर उस दिन उसने जल्दबाजी ना की होती और समय-समय पर आ रहे साइन बोर्ड्स की हिदायतों को ध्यानपूर्वक पढ़ा होता तो उस हादसे को रोका जा सकता था।
#कोराकाग़ज़ 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#दुर्घटनासेदेरभली
दुर्घटना से देर भली
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कृपा अनुशीर्षक में पढ़ें क्षणभंगुर इस संसार में सब पहले से नियमित है,नियम बनाए जाते हैं एक आदर्श देश बनाने के लिए और हम सब का फर्ज़ है उन नियमों का पालन करना। हम सबके लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है परंतु गर्म और जोशीली पीढ़ी नियमों को बंदिश मानती है और लगातार इसका उल्लंघन करती है।

एक बार की बात है मेरा प्रिय दोस्त अपने परिवार सहित हिमाचल में सभी देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए गया हुआ था। यह गर्मियों की बात है, और उस दिन बहुत बारिश हो रही थी। हर जगह, बार-बार लिखा हुआ था "गाड़ी धीरे चलाएं", आगे रास्ता खराब है। कभी लिखा आता था "डेड एंड"। कभी नियम दिया हुआ था के अपने वाहन की गति 20 किलो मीटर पर सेकंड तक सीमित रखें। और कहीं लिखा हुआ था के "कृपा गाड़ी का हॉर्न ना दें"। मेरा दोस्त इन सारे नियमों को पढ़ कर अनदेखा कर रहा था। अचानक कार के सामने डेड एंड आया और आगे से एक बड़ी गाड़ी(ट्रक) आ गई। मेरे दोस्त ने बड़ी मुश्किल से कार और ट्रक की टक्कर होने से तो बचा ली परंतु कार का संतुलन बिगड़ गया। गाड़ी को संभालते हुए उसने कोशिश की के गाड़ी को कच्चे रास्ते पर उतार लिया,जैसे ही उसने गाड़ी को कच्चे रास्ते पर उतारा, गाड़ी की टक्कर पेड़ से हो गई और उसकी पत्नी का सर टकराने से वहीं पर मृत्यु हो गई और कार भी बारिश में कीचड़ में फंस गई, बारिश की खातिर हालत बहुत दयनीय थी। धौलाधार बारिश कारण घंटो हमारी गाड़ी वहां पर फंसी रही पत्नी का मृत शरीर और बच्चे भूख से तड़प रहे थे बिलख रहे थे। 
अगर उस दिन उसने जल्दबाजी ना की होती और समय-समय पर आ रहे साइन बोर्ड्स की हिदायतों को ध्यानपूर्वक पढ़ा होता तो उस हादसे को रोका जा सकता था।
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