रंग से गोरी न थी , लेकिन सुन्दर थी , बहुत ऊंची न थी , लेकिन मेरे लिए योग्य थी प्रेम देने वाली न सही लेकिन मेरे कदमो से कदम मिलती थी। मंदिर आने से इनकार करती थी, लेकिन बाहर मेरा इंतज़ार करती थी कही भी जाओ मेरे साथ चल देती थी जहां रूकु मेरे लिए रूक जाती थी वो कोई मुझे प्यार करे न करे पर वो मुझे बहुत प्यार करती थी बड़ी मेहनत से पाया था उसे बहुत चक्कर लगाया था उसे पाने के लिए हजारो की भीङ से ढूढा था अपने लिऐ घरवालो की नाराजगी झेलकर अपनाया था वो जो हमेशा मेरे साथ रही पर आज मुझे छोड़कर चली गयी , , मेरी चप्पल थी …. साला कोई चुरा कर ले गया😄😄 रंग से गोरी न थी , लेकिन सुन्दर थी , बहुत ऊंची न थी , लेकिन मेरे लिए योग्य थी