आज का ज्ञान प्रत्येक मनुष्य को हर घड़ी अपने स्वयं के चरित्र का निरीक्षण करते रहना चाहिए कि उसका चरित्र पशु तुल्य है या सत्पुरुषों जैसा। सत्यपुरुष