इश्क़ हूं इश्क़ ही रहने दो, दर्द में तब्दील हो गई तो बबाल मच जाएगा, जो किसी का दर्द नहीं है अभी, वो इश्क़ फानाह होकर गुनहगार हो जाएगा, दिन रात मौसम के साथ आंख मिचौली ना खेलो, है इश्क़ तो एकतरफा कर लो, बाज़ार लगा है यहां झूठे वादों का, आओ तुम भी शुरुवात एकतरफा इश्क़ से कर लो, मलहम है ये एक तरफा, ना कोई शौक़ ना ताउम्र का जलसा यहां, ना कोई अंत ना कोई मांग यहां, उम्र के साथ महसूस होता है, जब ये एकतरफा इश्क़ मुस्कान में तब्दील होता है,, ख़ामोशी एकतरफा इश्क की जुनून है, वादा का ना कोई रूल है, ना बंधने का ना खोने का कोई वजूद है, एकतरफा है जो जिंदगी में बस यूं ही मशरूफ है, #लिखा