दूर किसी जंगल से ये पैग़ाम आया है जलते हुऐ दरख्तों ने परिंदों क़ो उड़ाया है सुनो आज तुम उनको अपने घऱ ठहरा लेना तारीख़ बनेगी इंसां किसी क़े काम आया है ए ख़ुदा उस नन्हे से परिंदे क़ो तू सलामत रखना वो आग बुझाने वास्ते चोंच मेँ अपनी पानी लाया है अबकी साल मैं परिंदों का दिन मनाऊँगा वो इंसां से बेहतर जो आग बुझाने क़े काम आया है गीत फ़ौजी #Earth_Day_2020