तुम्हारी रेशमी ज़ुल्फ में , इस क़दर गुम है । रिहा , तो चाहते है । पर , उलझते ही जाते । काली-घनेरे जी भाए । इनमें , अज़ब-सी खुशबू रवां । कर जाए , मन-ए-शांति जवां । जब तुम , इन्हें बेतरतीब बांधती । हाय ! मेरी जां भी कहीं उन गिरफ्त में बंध जाती । तुम्हारी रेशमी ज़ुल्फ में , इस क़दर गुम है । रिहा , तो चाहते है । ©Anuradha Sharma #julfein #hair #uljhan #feelings #love #yqquotes #yqurdu #yqshayri