कहाँ गया इंसान पहले का, कहां गयी इंसानियत क्यों आगयी है सारे लोगों में राक्षसों सी हैवानियत ये जग तुम्हारे जैसा है, क्यों दुश्मनी एक दूसरे से क्यों है चिढ़ , जिंदगी तुम्हारी, क्यों लड़ाई एक दूसरे से पर मुझे लगता है कि एक दिन इस जग में ऐसा भी आजायेगा की इंसानियत तो रहेगी, पर इंसान खत्म हो जाएगा क्या जिंदगी प्यारी नहीं, जो इससे है लगाव नहीं क्यों जिंदगी जकड़ रखी है, क्यों है कोई बहाव नहीं दुश्मन तो मिलेंगे काफी, मगर प्यार ना ढूढ़ पाएगा जिंदगी तो रहेगी मगर प्यार खत्म हो जाएगा ©Prateek Saxena इंसान खत्म हो जाएगा 😔😔 #Texture