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आरजू-ए-हसरत क्या बयां करूँ मैं ।। के ले जब मेरा ना

आरजू-ए-हसरत क्या बयां करूँ मैं ।।
के ले जब मेरा नाम ।। 
आ जाये लबों पे मुस्कान उनके ।।
बस यही मुकाम चाहिए ।। #मुकाम
आरजू-ए-हसरत क्या बयां करूँ मैं ।।
के ले जब मेरा नाम ।। 
आ जाये लबों पे मुस्कान उनके ।।
बस यही मुकाम चाहिए ।। #मुकाम