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पंछी तेरा कहाँ ठिकाना? पेड़ कट रहे, कहाँ तुझे हैं

पंछी तेरा कहाँ ठिकाना?
पेड़ कट रहे, कहाँ तुझे 
हैं जाना, इंसान ने तेरा 
घोंसला उजाड़ा, पेड़ काट 
अपना घर बनाया तुझे भूल गया
अपनी कामयाबी उसने देखी किसी 
के दुख क़ो ना जाना, आह हैं मेरी तू 
भी बेआसरा होगा जब कुदरत के 
कहर ने मातम दिखाना, सब खत्म हो 
जाना......

©PФФJД ЦDΞSHI
  #पंछी #घरौंदा #घोंसला  sushil  Ashtvinayak  कवि आलोक मिश्र "दीपक"  shalini doharey  Swati