#OpenPoetry ग़ुरबत मेरे ज़मीर को न दे सकी शिकस्त, झुक कर किसी अमीर से मिलता नही हूँ मै, मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा, ग़ुरबत मेरी ज़मीर को न दे सकी शिकस्त, झुक कर किसी अमीर से मिलता नही हूँ मै,