साजिशों के खिलाड़ी कल तक हम साजिशों के सिकंदर हुआ करते थे आज जब खुद साजिश के शिकार हो गए हम तो छछूंदर की तरह गलियों में मारा-मारा फिरा करते हैं यह वक्त है जनाब ! कहते हैं वक्त सबका आता है भले देर से ही सही, मगर इंसाफ मिलता है जरूर अगर कोई सामाजिक न्याय से बच जाए तो उसे ईश्वरीय दंड मिलता है जरूर और ईश्वरी दंड सारी दुनिया देखती है कोस कर जरूर ©DR. LAVKESH GANDHI #hands # # साजिशों के सिकंदर #