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हम दोनों को होस्टल पहुचते पहुचते शाम हो गई थी मग

हम दोनों को  होस्टल  पहुचते पहुचते शाम हो गई थी
मगर मेरे चेहरे में अभी भी ठीक बारह बजे हुए थे 
मुझे उसका का इतना कानफीडेनंट होना बहुत अजीब लग रहा था 
खैर मैं ये सब एक बुरे सपने की तरह भूलना चाहता था 
इस लिए पापा की कही हुई बातो को मै याद करने लगा 
घर से आते वक्त पापा ने मुझसे एक बात कही थी 
"कि बेटे तुम मेरा विश्वास हो और कभी इसे बिखरने मत देना 
और घर से बहार जा ही रहे हो तो कुछ बन कर ही आना 
सो अब अपना सीधा ऐजेंडा पढाई पर फोकस करना है 
ये सोचते हुए पता ही नहीं चली की कब हमारी आख लग गई 
और हम सो गये 
फिर सुबह करीब मैं छह बजे जगे तो हडबडाी में सीधा वासरूम की
 तरफ भगे क्यो की हमारे होस्टल में वासरूम दो और बच्चे चालिस थे 
कतार तो बडी लम्बी लगी थी मानो ऐसा लग रहा था जैसे सभी 
पिक्चर की टिकट खरीद रहे हो..... 
पर कहते हैं कि "मुसीबत का नाम महात्मा गांधी 
करीब एक घंटे बाद हम सब तैयार हो कर कालेज निकल पडे 
और जैसे ही कॉलेज पहुचे कि मुझे फिर किसी ने पीछे से बुलाया 
मुझे लगा पक्का वही होगी तो मैंने पीछे मुडकर देखा ही नहीं 
और मैं क्लास की तरफ चल दिया तभी फिर से आवाज आई 
ओय निखिल कैसा है तू 
अब मुझे इस बात की तो पक्का गारंटी थी की वो तो नहीं हो सकती 
इस लिए मै पीछे मुडा और देखने लगा मगर वहा बहुत सी लडकिया और 
लडके खड़े हसी ठिठोली करने में व्यस्त थे 
इस लिए मुझे किसने बुलाया था ये पता किये बिना ही मै क्लास में चला 
गया और पहली ही सीट पर बैठ गया fourth part LOVECYCLE-4
#sayriwale #hindiwriting #lovestory
हम दोनों को  होस्टल  पहुचते पहुचते शाम हो गई थी
मगर मेरे चेहरे में अभी भी ठीक बारह बजे हुए थे 
मुझे उसका का इतना कानफीडेनंट होना बहुत अजीब लग रहा था 
खैर मैं ये सब एक बुरे सपने की तरह भूलना चाहता था 
इस लिए पापा की कही हुई बातो को मै याद करने लगा 
घर से आते वक्त पापा ने मुझसे एक बात कही थी 
"कि बेटे तुम मेरा विश्वास हो और कभी इसे बिखरने मत देना 
और घर से बहार जा ही रहे हो तो कुछ बन कर ही आना 
सो अब अपना सीधा ऐजेंडा पढाई पर फोकस करना है 
ये सोचते हुए पता ही नहीं चली की कब हमारी आख लग गई 
और हम सो गये 
फिर सुबह करीब मैं छह बजे जगे तो हडबडाी में सीधा वासरूम की
 तरफ भगे क्यो की हमारे होस्टल में वासरूम दो और बच्चे चालिस थे 
कतार तो बडी लम्बी लगी थी मानो ऐसा लग रहा था जैसे सभी 
पिक्चर की टिकट खरीद रहे हो..... 
पर कहते हैं कि "मुसीबत का नाम महात्मा गांधी 
करीब एक घंटे बाद हम सब तैयार हो कर कालेज निकल पडे 
और जैसे ही कॉलेज पहुचे कि मुझे फिर किसी ने पीछे से बुलाया 
मुझे लगा पक्का वही होगी तो मैंने पीछे मुडकर देखा ही नहीं 
और मैं क्लास की तरफ चल दिया तभी फिर से आवाज आई 
ओय निखिल कैसा है तू 
अब मुझे इस बात की तो पक्का गारंटी थी की वो तो नहीं हो सकती 
इस लिए मै पीछे मुडा और देखने लगा मगर वहा बहुत सी लडकिया और 
लडके खड़े हसी ठिठोली करने में व्यस्त थे 
इस लिए मुझे किसने बुलाया था ये पता किये बिना ही मै क्लास में चला 
गया और पहली ही सीट पर बैठ गया fourth part LOVECYCLE-4
#sayriwale #hindiwriting #lovestory
sauravsachan2752

SSsaurav

Silver Star
Growing Creator

fourth part LOVECYCLE-4 #sayriwale #hindiwriting #LoveStory