"मेरी ख़्वाहिश है" मेरी ख़्वाहिश है कि मैं खुशबू की तरह बिखर जाऊं थामा है तेरा दामन तो अब और क्या चाहूं किधर जाऊं तूने ही नहीं मैंने भी तो पिया है ज़हर -ए-जुदाई हमदम हसरत है तुझे देख लूं एक नज़र फिर भले बिछड़ जाऊं ख़ुदा ने तराशा है शिद्दत से तुझे जमालेहुस्न की मिट्टी से मैं इश्क़ हूं तेरे सांचे में जो ज़रा ढल जाऊं तो संवर जाऊं बेहतर ही था गर रहते ताउम्र इसी वहमों गुमान में हम कि तू चाहता है मुझको बस यह सोचकर ही ना मर जाऊं देखे हैं कईं बदक़िरदार लोग तूने ज़माने में ऐसेभी 'रूही' जिनको ऊंचा उठाने को मैं ख़ुद की नज़रों से ना गिर जाऊं ©Roohi Quadri #ख़्वाहिश #feelings