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**पचास का नोट** उन दिनों जब मैं मेडिकल पर काम किय

**पचास का नोट**

उन दिनों जब मैं मेडिकल पर काम किया करता था।
तो एक दिन मेरी मौसी के लड़के का फोन आया; उसने मुझसे कहां? कि गोविंद हमारा ट्रैक्टर खराब हो गया है।
मैंने कहा कि मैं इसमें आपकी क्या मदद कर सकता हूं,
तो वह बोला तुम जाकर मेरी बात किसी अच्छे से मिस्त्री से करा सकते हो क्या ? मैंने कहा ? थोड़ा रुको, मैं अपने मालिक से बात करके जाता हूं, और फिर मैंने अनुमति ली
और मैं मिस्त्री से बात कराने के लिए गया, परंतु मिस्त्री उसकी दुकान पर नहीं था और फिर मैंने उसके नौकरों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह दूसरी दुकान पर गए हुए हैं।
आप वहां जा सकते हैं, यहां आने में उनको देर लगेगी।
और फिर मैं उसकी दूसरी दुकान पर जाने के लिए निकल गया। जब मैं रास्ते में जा रहा था, तो अचानक मुझे एक पचास का नोट दिखाई दिया, मैंने सोचा शायद किसी का गिर गया हो,परंतु मुझे आस-पास कोई नजर नहीं आया इसलिए मैंने वह नोट अपने पास रख लिया। मैं उस पचास के नोट को पाकर बहुत प्रसन्नता था। मानो मुझे कोई लॉटरी लग गई हो। मैंने उस 50 के नोट के बारे में अलग-अलग प्रकार की कल्पना करना शुरू कर दी, पहले मैंने सोचा कि मैं इस 50 के नोट से कुछ खा लू, फिर मैंने सोचा कि मैं अपनी मम्मी की ब्लड प्रेशर की गोलियां ले जाता हूं, फिर मैंने सोचा कि मैं इसे अपने पास रख लेता हूं,अपने कुछ काम आएगा। इस प्रकार में अलग-अलग प्रकार की कल्पनाएं करते हुए। अपने मेडिकल पर जा पहुंचा, जहां मैं काम करता था। मैंने थोड़ी देर मेडिकल पर काम किया और फिर  मुझे अचानक डॉक्टर साहब ने बुलाया,मेरा मोबाइल टेबल पर रखा हुआ था। मैंने जल्दबाजी में अपना मोबाइल अपनी जेब में रखा और फिर मैं डॉक्टर साहब के पास चला गया।
थोड़ी बहुत देर तक मैंने उनके साथ काम कियाऔर फिर जब मैंने अपनी जेब में देखा तो 50 का नोट गायब था और मैं अपने दोस्तों को बड़ी खुशी से बता रहा था कि मुझे आज एक पचास का नोट मिला है। मेरी सारी खुशी गायब हो गई क्योंकि मेरे पास 50 का नोट नहीं था वह मेरे पास से खो गया था। जब मैंने सोचा कि वह कहां? गिरा तो पता चला कि वह जब मैं मोबाइल टेबल पर से जेब में रख रहा था तो वहीं पर गिर गया।हमारे मेडिकल पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था‌। तो मैंने सोचा कि चलो सीसीटीवी कैमरे में चेक करते हैं। जब मैंने सीसीटीवी कैमरे में चेक किया तो वह पचास का नोट एक बच्चे ने उठा लिया। वह नोट खोने के बाद मैंने सोचा की जो चीज़ अपनी नहीं है,वह अपने पास आकर भी अपनी नहीं हो सकती हैं।
उसी 50 के नोट के पास मेरा दस का नोट भी रखा हुआ था परंतु वह नहीं गिरा क्योंकि वह मेरा अपना था। वह 50 का नोट तो जहां से आया वहां चला गया परंतु मुझे एक शिक्षा जरूर दे गया।
                                  

                                             _____गोविंद वैष्णव

©Govind Vaishnav #Sunrise #gvkahani write by govind Vaishnav chhabra my first story in nojoto pr sunita parjapat Nitish Tiwary Mayank Vaishnav pooja sing d srivastava
**पचास का नोट**

उन दिनों जब मैं मेडिकल पर काम किया करता था।
तो एक दिन मेरी मौसी के लड़के का फोन आया; उसने मुझसे कहां? कि गोविंद हमारा ट्रैक्टर खराब हो गया है।
मैंने कहा कि मैं इसमें आपकी क्या मदद कर सकता हूं,
तो वह बोला तुम जाकर मेरी बात किसी अच्छे से मिस्त्री से करा सकते हो क्या ? मैंने कहा ? थोड़ा रुको, मैं अपने मालिक से बात करके जाता हूं, और फिर मैंने अनुमति ली
और मैं मिस्त्री से बात कराने के लिए गया, परंतु मिस्त्री उसकी दुकान पर नहीं था और फिर मैंने उसके नौकरों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह दूसरी दुकान पर गए हुए हैं।
आप वहां जा सकते हैं, यहां आने में उनको देर लगेगी।
और फिर मैं उसकी दूसरी दुकान पर जाने के लिए निकल गया। जब मैं रास्ते में जा रहा था, तो अचानक मुझे एक पचास का नोट दिखाई दिया, मैंने सोचा शायद किसी का गिर गया हो,परंतु मुझे आस-पास कोई नजर नहीं आया इसलिए मैंने वह नोट अपने पास रख लिया। मैं उस पचास के नोट को पाकर बहुत प्रसन्नता था। मानो मुझे कोई लॉटरी लग गई हो। मैंने उस 50 के नोट के बारे में अलग-अलग प्रकार की कल्पना करना शुरू कर दी, पहले मैंने सोचा कि मैं इस 50 के नोट से कुछ खा लू, फिर मैंने सोचा कि मैं अपनी मम्मी की ब्लड प्रेशर की गोलियां ले जाता हूं, फिर मैंने सोचा कि मैं इसे अपने पास रख लेता हूं,अपने कुछ काम आएगा। इस प्रकार में अलग-अलग प्रकार की कल्पनाएं करते हुए। अपने मेडिकल पर जा पहुंचा, जहां मैं काम करता था। मैंने थोड़ी देर मेडिकल पर काम किया और फिर  मुझे अचानक डॉक्टर साहब ने बुलाया,मेरा मोबाइल टेबल पर रखा हुआ था। मैंने जल्दबाजी में अपना मोबाइल अपनी जेब में रखा और फिर मैं डॉक्टर साहब के पास चला गया।
थोड़ी बहुत देर तक मैंने उनके साथ काम कियाऔर फिर जब मैंने अपनी जेब में देखा तो 50 का नोट गायब था और मैं अपने दोस्तों को बड़ी खुशी से बता रहा था कि मुझे आज एक पचास का नोट मिला है। मेरी सारी खुशी गायब हो गई क्योंकि मेरे पास 50 का नोट नहीं था वह मेरे पास से खो गया था। जब मैंने सोचा कि वह कहां? गिरा तो पता चला कि वह जब मैं मोबाइल टेबल पर से जेब में रख रहा था तो वहीं पर गिर गया।हमारे मेडिकल पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था‌। तो मैंने सोचा कि चलो सीसीटीवी कैमरे में चेक करते हैं। जब मैंने सीसीटीवी कैमरे में चेक किया तो वह पचास का नोट एक बच्चे ने उठा लिया। वह नोट खोने के बाद मैंने सोचा की जो चीज़ अपनी नहीं है,वह अपने पास आकर भी अपनी नहीं हो सकती हैं।
उसी 50 के नोट के पास मेरा दस का नोट भी रखा हुआ था परंतु वह नहीं गिरा क्योंकि वह मेरा अपना था। वह 50 का नोट तो जहां से आया वहां चला गया परंतु मुझे एक शिक्षा जरूर दे गया।
                                  

                                             _____गोविंद वैष्णव

©Govind Vaishnav #Sunrise #gvkahani write by govind Vaishnav chhabra my first story in nojoto pr sunita parjapat Nitish Tiwary Mayank Vaishnav pooja sing d srivastava