खोल के मुट्ठी हाथों की अपना लो जो है नया वक़्त भी बदलता पेड़ से थोड़ा बढ़ता थोड़ा घटता कहीं उसूल हैं साख पर दुनिया बदल के खेल दिखाए पैर रखो अब सोच कर जब नई सीख तुम अपनाये देख लो आंखें नई कर वक़्त बदलता जाए संग लिए अभिव्यक्तियों से सोच नई हो जाये सुप्रभात। नई नई आँखों से देखो, दुनिया रोज़ नई लगती है... #दुनियारोज़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi