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कागज़ की कश्ती से पार जाने की ना सोच चलते हुए तुफा

कागज़ की कश्ती से पार जाने की ना सोच

चलते हुए तुफानो को हाथ में लाने की ना सोच

दुनिया बड़ी बेदर्द है, इस से खिलवाड़ ना कर

जहाँ तक मुनासिब हो, दिल बचाने की सोच

©Raj Kanhaiya Raj
  #Likho बेदर्दी शायरी

#Likho बेदर्दी शायरी

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