दोराहे पर ज़िन्दगी मेरी, आकर मुझसे पुछती है क्यों ये दुनिया तुम्हारे सुनहरे सपनों का कत्ल-ए-आम करती हैं क्या इस सृष्टि में लड़कीयों को अपने ख्वाबों को हकीकत मे लाने का कोई हक नही अरे कोई उन्हे बता दे लड़कीयों को रोक सके ऐसी कोई ताकत नही 🌝प्रतियोगिता-127🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दोराहे पर ज़िन्दगी"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I