Alone मुश्किलें आये चाहे जितनी, तुम हौसला बुलंद रखना, सहने पड़े सितम चाहे कितने, कंधे पर ना किसी के सर रखना। गिरना फिर से उठना, चाहे गिरो तुम कितनी बार, उठ कर फिर तुम आगे बढ़ना, चाहे करें लोग बातें हजार, रास्ते बहुत आयेंगे मंजिल तक, पर सही रास्ता तुम्हारा होगा, उसी रास्ते से आगे बढ़कर, तुम्हें मुकाम को पाना होगा। घबराना नहीं रूकावटों से, गर ईश्वर है संग तुम्हारे, पहुंच जाओगे मंजिल तक, हौसले हैं अगर बुलंद तुम्हारे। सुनील माहेश्वरी- दिल्ली। ©Sunil Maheshwari बुलंद हौसला #alone