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जब भी मेरी रचनाओ कि आहट हो तो अल्फ़ाज तू हि हो माँ

जब भी मेरी रचनाओ कि आहट हो 
तो अल्फ़ाज तू हि हो माँ, 
जब भी मेरी गीतो कि गुनगुनाहट हो 
तो आवाज तू हि हो माँ,
जब भी मेरी कल्पनाओ कि आहट हो 
तो आकार तू हि हो माँ, 
जब भी मेरे विचारॊ कि बुदबुदाहट हो 
तो विस्तार तू हि हो माँ, 
जब भी मुझे सोने (नींद) कि आहट हो, 
तो ख्वाब तू हि हो माँ, 
ओर जब भी मेरे ख्वाबो कि आहट हो 
तो मंजिल तू हि हो माँ, 
      तुम मेरा दिन, मेरी रात हो माँ, 
मेरे लिए खुशियों कि बरसात हो माँ, 
तुम हो तो मैं हूँ इस जहाँ में, 
तुम हि तो मेरे जीवन कि सौगात हो माँ!! 
Astha Dhiren #hit#like#if#you#love#to#your#mom.
जब भी मेरी रचनाओ कि आहट हो 
तो अल्फ़ाज तू हि हो माँ, 
जब भी मेरी गीतो कि गुनगुनाहट हो 
तो आवाज तू हि हो माँ,
जब भी मेरी कल्पनाओ कि आहट हो 
तो आकार तू हि हो माँ, 
जब भी मेरे विचारॊ कि बुदबुदाहट हो 
तो विस्तार तू हि हो माँ, 
जब भी मुझे सोने (नींद) कि आहट हो, 
तो ख्वाब तू हि हो माँ, 
ओर जब भी मेरे ख्वाबो कि आहट हो 
तो मंजिल तू हि हो माँ, 
      तुम मेरा दिन, मेरी रात हो माँ, 
मेरे लिए खुशियों कि बरसात हो माँ, 
तुम हो तो मैं हूँ इस जहाँ में, 
तुम हि तो मेरे जीवन कि सौगात हो माँ!! 
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