मेरे हक के लिए लड़ते देख सियासतदानों, को सियासत का दाव-पेज सिखाया है। मेरे रोटी,कपड़ा और मकान के लिए लड़ते लोगों को, मैंने आंदोलन की सड़कों से महलों पर बैठाया है। मुझे गरीब ना समझना दोस्तों, मैने बहुतों को अमीर बनाया है। बिन मेरे चाहे बिन मेरे मांगे कुछ नेता, मेरे हक के लिए लड़ते गए। लड़ते-लड़ते बुलंदी की, हर सीढ़ी वे चढ़ते गए। मुझे गरीब ना समझना दोस्तों, मैंने बहुतों को अमीर बनाया है। सबसे सरल और सबसे सहज मुद्दा है मेरा, जिसने इस संवेदनशील मुद्दे को उठाया है। मुझे तो कच्चे झोपड़े से पक्का मकान ना दिलवा सका, लेकिन खुद के क्वार्टर को और बड़ा बनाया। मुझे गरीब ना समझना दोस्तों, मैंने बहुतो को अमीर बनाया है। #muje_garib_na_smjna