मुल्क ये अपना सदियों से भाईचारे को ढ़ोता था नजर बुरी है इस पर अब मरतों को देखे रोता है ना जाने कब, कहाँ, किसी एक की लिंचिंग हो जाये है मुस्तकबिल का नही भरोसा, विश्वास हमारा खोता है सियासत के चंगुल में फँस अपना सबकुछ वो भूल गया अब भरे तिराहे पर उठती चीखों को सुनकर सोता है जब नही उठेगी आवाजें बढ़ते ज़ुल्मों को सहकर भी हिम्मत लिंचर की बढ़ती है बदहश्र हमारा होता है। #NojotoQuote #moblynching #proudindian #stoplynching #hindustanjindabad #mulk