तेरे साथ बैठ कुछ पल बिताना अच्छा लगा मेरी नजरों से तेरा नजर चुराना अच्छा लगा, दो चिप के पत्तों जैसे बंद यह होंठ तेरे सच कहूं बात-बात पर मुझे तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा, कल अलग थे खोए हुए हम दोनों कहीं आज हम दोनों का एक हो जाना अच्छा लगा, ख्वाब थे जो रेत से बसे हुए इन आंखों में दिल को तड़पा कर आंखों को भी गाना अच्छा लगा, कभी खुशी थी हृदय में भरी तेरी इतनी की चंद पल की मुलाकात का अफसाना अच्छा लगा, आख़िर चला गया तू भी रुला कर मुझे तेरी यादों का किस्सा सुनाना अच्छा लगा...!! (...✍️रोhit singh...) #today #shayari #poem #quits #poetry #nojoto