मेरी तन्हाई भी तन्हा अब रोती रहती है क्योंकि मुझे तो तेरी याद घेरे रहती है मैं रात भर मसरूफ़ रहता हूँ तेरी बेवफाइयाँ सोच कर मेरी तन्हाई तन्हा किसी कोने में पड़ी सोई रहती है मेरा दिन उल्झा रहता है ज़िन्दगी की कश्मकश में यह बेचारी मुझ से मिलने को पल पल तरस्ती रहती है पहले यह मेरी हमदम थी दोस्त थी गमों की धुप में तेरे गमों के समन्दर के आगे यह हाथ मलती रहती है ©HASAN TUKBANDI #meritanhai #SuperBloodMoon