इजाज़त हो तो ज़िन्दगी तेरे नाम कर दूंँ। अपनी सुबह और शाम तेरे नाम कर दूंँ।। इजाज़त हो तो दिल पर तेरे दस्तक दे दूंँ। तेरे दिल पर अपने इश्क़ की दस्तख़त कर दूंँ।। इजाज़त हो तो तेरे सजदे में अपना सर रख दूंँ। तेरी मोहब्बत इबादत में मैं ख़ुद को भुला दूंँ।। इजाज़त हो तो तुझसे बेपनाह मोहब्बत कर कर लूंँ। तुझे प्यार से अपने बाहों के आगोश में कर लूंँ।। इजाज़त हो तो चांँदनी रात में बस हम हों साथ। कोई ना हो साथ कुछ हसीन पल गुज़रे बाहों में बाहें डाल।। इजाज़त हो तो दिल के सारे जज़्बात तेरे नाम कर दूंँ ग़म के सारे निशां मिटा दूंँ खुशियों से तेरा दामन भर दूंँ।। इजाज़त हो तो तेरे संग ख़्वाब सजा जी लूंँ ज़रा। ताउम्र ख़्वाब को पूरा कर ज़िन्दगी गुज़ार दूंँ तेरे संग मेरे यारा।। इजाज़त हो तो रुखसत ख़ुद को तेरे बाहों में कर दूंँ। मर कर आगोश में तेरे अपनी मोहब्बत अमर कर दूंँ।। ♥️ Challenge-931 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।