किसी की बाहो मैं टुट जाने को मन करता है, किसी की चस्मे -ए- झील में डूब जाने को मन करता है। किसी के आबे -ए- चस्म पीने का हक़दार हो जाऊ, किसी के जुल्फो के बन मैं गुम जाने का मन करता है। किसी का गुलाम हो जाऊ ताऊम्र, किसी से सब कुछ हारने का मन करता है। कोई तस्वीर कभी बनी ही नही मुझसे, रंगो को कागज पर फेकने का मन करता है। बहुत सुलझे हुए रहे है अब तक, अब भटक जाने को मन करता है। अब तक बचते रहे है इश्क़ से, अब ये खता कर जाने को मन करता है। एक चेहरा रोज नजर आता हैं ख्वाबो में धुंधला-2 सा, आलम ये है की अब हर घड़ी ख्वाबो में ही रहने का मन करता है। ये कसक ना जाने कब दुर होगी दिल की? किसी के लिये जीने का , मर जाने का मन करता है। ©Rohit Bairag किसी की बाहो मे #feellove