Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिसंबर जा रहा हैं बेहिसाब यादें देकर। चाहतों के मौ

दिसंबर जा रहा हैं बेहिसाब यादें देकर।
चाहतों के मौसम इश्क़ की बरसातें लेकर।

दरख़्त कई ढहगए जनवरी से अब तक!
फ़रोख़्त में बहते गए महीने दिनरात लेकर।

मैं किसी ख़्याल की तरह आता जाता रहा!
ज़हन में उनके जो चल रहे थे ख़्वाब लेकर।

तुम केवल इन्तज़ार हो!बेहतर कल का।
मिल जाओगी मुझे,आया जो हिम्मत लेकर।

डर और उत्साह दोनों साथी बने रहे!
मैं और तुम खड़े हैं उम्मीद की कटार लेकर। ♥️ Challenge-798 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
दिसंबर जा रहा हैं बेहिसाब यादें देकर।
चाहतों के मौसम इश्क़ की बरसातें लेकर।

दरख़्त कई ढहगए जनवरी से अब तक!
फ़रोख़्त में बहते गए महीने दिनरात लेकर।

मैं किसी ख़्याल की तरह आता जाता रहा!
ज़हन में उनके जो चल रहे थे ख़्वाब लेकर।

तुम केवल इन्तज़ार हो!बेहतर कल का।
मिल जाओगी मुझे,आया जो हिम्मत लेकर।

डर और उत्साह दोनों साथी बने रहे!
मैं और तुम खड़े हैं उम्मीद की कटार लेकर। ♥️ Challenge-798 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।