आंसुओं की धार में वक़्त था जब तब तो बहा दिए उन्होंने साथ हमारे आंसुओं की धार में एक पल को ना बदले वो अपने फैसले से जन्मों के साथ निभाने थे जिनको हमारे साथ में आज पूछते हैं वो आखिर तुम चाहते हो हमें ही बर्बाद करना कोई जाकर के समझाए उनको आबाद हो जिनको जान किसी और के साथ वो किसी को क्या बर्बाद करेंगे किस कदर बहाया है हमने दर्द अपना उनके जाने के बाद आंसुओं की धार में ।