#_एक रोज मेरा ही साया मुझसे बोल पड़ा, अबे रोता क्यों हैं किसी के छोड़ जाने से, तुझें तो मैं छोड़ दूंगा ज़रा अंधरे तो होने दे, सामने रस्सी पड़ी हैं और घर मे पँखा भी हैं, लटक जा और बुजदिल बन जा और मर जा, वरना सामने ज़िन्दगी पड़ी हैं "जी" कर नहीँ जीतकर दिखा...!! 👇 Jina nahi ab to jitna hain ✌️✌️ #alfaaz_hm_sabke