रूद्र गायत्री मंत्र... ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।। ॐ, मुझे अपना सारा ध्यान सर्वव्यापी भगवान शिव पर केंद्रित करने दो,मुझे ज्ञान का भंडार दो और मेरे हृदय में रूद्र रूपी प्रकाश भर दो..., रूठे खाबों को मना लेंगे कटी पतंगों को थामेंगे हां हां है जज़्बा हो हो है जज़्बा सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांजा हम्म का मांझा, हम्म का मांजा.. सोयी तकदीरे जगा देंगे कल को अम्बर झुका देंगे हा हा है जज़्बा हो हो है जज़्बा सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांजा हम्म मांजा.. हो हो बर्फीली, आँखों में पिघला सा देखेंगे हम कल का चेहरा हो हो पथरीले, सीने में उबला सा देखेंगे हम लावा गहरा अगन लगी, लगन लगी टूटे ना, टूटे ना जज़्बा ये टूटे ना मगन लगी, लगन लगी कल होगा क्या कह दो किस को है परवाह परवाह.. परवाह रूठे खाबों को मना लेंगे कटी पतंगों को थामेंगे हां हां है जज़्बा हो हो है जज़्बा सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांजा हम्म का मांजा, हम्म का मांजा 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' रूद्र गायत्री मंत्र... ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।। ॐ, मुझे अपना सारा ध्यान सर्वव्यापी भगवान शिव पर केंद्रित करने दो,मुझे ज्ञान का भंडार दो और मेरे हृदय में रूद्र रूपी प्रकाश भर दो..., रूठे खाबों को मना लेंगे कटी पतंगों को थामेंगे हां हां है जज़्बा हो हो है जज़्बा सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांजा हम्म का मांझा, हम्म का मांजा..