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बचपन का पहला प्यार ये तो होनी थी जिसको होना था । ह

बचपन का पहला प्यार ये तो होनी थी जिसको होना था ।
हमको मिलना था , दूर जाना था ।
प्यार के गहरे नीले सागर में,
मेरी किश्ती को डूब जाना था ।

उसके बाजू में दवाखाना था ।
मेरी बीमारी तो बहाना था ।
मेरी दीदी की वो सहेली थी, 
इसलिये घर पे आना-जाना था ।

मेरी किस्मत का डूबा सूरज भी,
दोपहर की तरह चमकता था ।
क्या कहें ये भी तो मुकद्दर था ,
कुछ चमकना था डूब जाना था ।

खत वो सखियों से पूछ लिखती थी,
मैं भी यारों से पूछ लिखता था ।
शे'र लिक्खा किये थे "गालिब" के 
इसलिये लहजा शायराना था ।

आँधी तूफां को करके अनदेखा ,
वो चली आती भींगी भागी सी ।
दरअसल हमको मिलना होता था,
पाठशाला तो इक बहाना था । #पाठशालातोइकबहानाथा
बचपन का पहला प्यार ये तो होनी थी जिसको होना था ।
हमको मिलना था , दूर जाना था ।
प्यार के गहरे नीले सागर में,
मेरी किश्ती को डूब जाना था ।

उसके बाजू में दवाखाना था ।
मेरी बीमारी तो बहाना था ।
मेरी दीदी की वो सहेली थी, 
इसलिये घर पे आना-जाना था ।

मेरी किस्मत का डूबा सूरज भी,
दोपहर की तरह चमकता था ।
क्या कहें ये भी तो मुकद्दर था ,
कुछ चमकना था डूब जाना था ।

खत वो सखियों से पूछ लिखती थी,
मैं भी यारों से पूछ लिखता था ।
शे'र लिक्खा किये थे "गालिब" के 
इसलिये लहजा शायराना था ।

आँधी तूफां को करके अनदेखा ,
वो चली आती भींगी भागी सी ।
दरअसल हमको मिलना होता था,
पाठशाला तो इक बहाना था । #पाठशालातोइकबहानाथा