उम्मीद अपना पता बता रूठा हैं क्यों खता बता #ummid कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नजर नहीं आती हम वहाँ हैं जहाँ से हमको भी कुछ हमारी खबर नहीं आती-ग़ालिब