दिसंबर की एक रात जिसकी हम कर रहे थे जाने कब से इन्तेज़ार दिल में दबी मोहब्बत का करना था दोनों को इक़रार बहुत तपिश थी उसकी छुअन में शर्म से मेरी हया भी हो रही थी ज़ार-ज़ार ⬇️⬇️⬇️⬇️ #Nature#Night#December#Day19 दिसंबर की एक रात ,जिसकी हम कर रहे थे जाने कब से इन्तेज़ार दिल में दबी मोहब्बत का करना था हम दोनों को इक़रार